श्रीनगर गढ़वाल। किसी भी आपदा या आकस्मिक परिस्थिति में त्वरित और प्रभावी राहत-बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए फायर यूनिट श्रीनगर द्वारा मंगलवार को फायर स्टेशन परिसर में एक विस्तृत आपदा तैयारी और उपकरण संचालन अभ्यास आयोजित किया गया। यह अभ्यास वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी के निर्देशन तथा मुख्य अग्निशमन अधिकारी पौड़ी के पर्यवेक्षण में संचालित किया गया। फायर यूनिट प्रभारी के नेतृत्व में सभी अग्नि कर्मियों ने आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रमुख उपकरणों का एक-एक कर निरीक्षण किया। इनमें आस्का लाइट,एयर कंप्रेशर,वुडन कटर,हाइड्रोलिक रेस्क्यू टूल्स,पोर्टेबल जनरेटर,सेफ्टी रोप,फायर सूट,स्ट्रेचर तथा अन्य आवश्यक सुरक्षा सामग्रियां शामिल थीं। कर्मचारियों ने सभी उपकरणों को मौके पर स्टार्ट कर उनकी कार्यक्षमता,दबाव क्षमता,बैटरी बैकअप,कटिंग परफॉर्मेंस और एर्गोनॉमिक सुरक्षा मानकों की गहन जांच की,जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी समय,किसी भी परिस्थिति में सभी उपकरण पूर्ण रूप से क्रियाशील रहें। अभ्यास के दौरान टीम को रात्रिकालीन घटनाओं में लाइटिंग सेटअप की तैनाती,सड़क दुर्घटनाओं में हाइड्रोलिक टूल के उपयोग,पहाड़ी क्षेत्रों में रोप-रेस्क्यू तकनीक,टीम समन्वय और कमांड सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से ब्रीफ किया गया। फायर यूनिट प्रभारी ने बताया कि आपदा के समय प्रथम 10 मिनट सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में उपकरणों की फुल-प्रूफ कार्यक्षमता और टीम की एकजुटता जीवनरक्षा में निर्णायक साबित होती है। पौड़ी जनपद भूकंप,भूस्खलन,सड़क दुर्घटनाओं और आगजनी जैसी घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में फायर यूनिट श्रीनगर की यह सतत तैयारी जनपद की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करती है। यूनिट ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी आपदा या आपात स्थिति में हमारी टीमें 24×7 सतर्क,प्रशिक्षित और पूरी तरह तैयार हैं। इस व्यापक अभ्यास से यह सुनिश्चित हुआ है कि फायर यूनिट श्रीनगर के पास न केवल आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता है,बल्कि कर्मियों की दक्षता भी उत्कृष्ट स्तर पर है। इससे आपदा के दौरान प्रतिक्रिया समय घटेगा और राहत-बचाव कार्य अधिक प्रभावी हो पाएंगे।








