श्रीनगर गढ़वाल। केंद्रीय सतर्कता आयोग के आह्वान पर मनाए जा रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह का समापन आज हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक गरिमामय कार्यक्रम के साथ हुआ। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस विशेष समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के सहायक कमांडेंट अरुण ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलसचिव प्रो.राकेश डोडी ने की,जबकि मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रो.एम.एम.सेमवाल,उप-सतर्कता अधिकारी प्रो.महेंद्र बाबू, तथा प्रो.अतुल ध्यानी सहित विश्वविद्यालय परिवार के अनेक प्राध्यापक,कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और वंदना गीत के साथ हुआ। इसके पश्चात् प्रो.एम.एम.सेमवाल ने विषय सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि सतर्कता केवल एक प्रशासनिक दायित्व नहीं,बल्कि नैतिक प्रतिबद्धता है। जब प्रत्येक नागरिक अपने स्तर पर ईमानदारी,पारदर्शिता और जिम्मेदारी का पालन करता है,तभी राष्ट्र में सच्चे अर्थों में सुशासन की स्थापना संभव होती है। उन्होंने बताया कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार के विरुद्ध जन-सहभागिता को प्रोत्साहित करना और युवाओं में नैतिकता एवं निष्ठा के संस्कारों को सुदृढ़ करना है। मुख्य अतिथि अरुण सहायक कमांडेंट एसएसबी ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि सशस्त्र सेवाएं हर परिस्थिति में अनुशासन और पारदर्शिता की मिसाल पेश करती हैं। विद्यार्थियों को भी अपने जीवन में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को सर्वोच्च मूल्य के रूप में अपनाना चाहिए,क्योंकि यही मजबूत राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो.राकेश डोढी़ ने कहा कि सतर्कता का आरंभ व्यक्ति को स्वयं से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हम अपने आचरण में सुधार लाते हैं और जिम्मेदारी का निर्वहन निष्पक्षता से करते हैं,तभी समाज में पारदर्शिता और विश्वास की भावना विकसित होती है। प्रो.महेंद्र बाबू ने अभियान की रूपरेखा पर जानकारी देते हुए बताया कि सप्ताह भर चले इस कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने सतर्कता शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही राजकीय बालिका इंटर कॉलेज किलकिलेश्वर,रेनबो पब्लिक स्कूल तथा एनआईटी उत्तराखंड में भी सतर्कता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रो.अतुल ध्यानी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भ्रष्टाचार देश के विकास की सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब शासन और समाज दोनों स्तरों पर पारदर्शिता,निष्ठा और नैतिकता को व्यवहार में उतारा जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित फोटो स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने ईमानदारी एवं नैतिकता पर आधारित प्रेरणादायक कहानियां प्रस्तुत की। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार कुलदीप राजपूत,द्वितीय पुरस्कार निशांत जैन तथा तृतीय पुरस्कार सीता रमोला और अंजन कुमार मिश्रा को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त समाज में ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत करने वाले विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया,जिनमें सुरक्षा कर्मचारी बृजलाल,राजनीति विज्ञान विभाग के पूरण लाल तथा सफाई कर्मी गुड्डी देवी शामिल हैं। कार्यक्रम का संचालन गरिमामय ढंग से सम्पन्न हुआ तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो.महेंद्र बाबू द्वारा किया गया। समापन अवसर पर मुख्य छात्रावास अधीक्षक डॉ.सुरेन्द्र बिष्ट,डॉ.विजय ज्योति,डॉ.पूजा सकलानी,डॉ.सुरेन्द्र मीणा,उपकुलसचिव अनीस,सहायक कुलसचिव ख्याति वर्धन जोशी,प्रो.नामदेव,डॉ.राम साहू,डॉ.आशीष बहुगुणा,शोध छात्र,विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह आयोजन विश्वविद्यालय में नैतिकता,पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल सिद्ध हुआ।








