पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार आगामी 8 नवम्बर 2025 को पूरे प्रदेश में एक साथ उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह समारोह उन अमर वीरों को नमन का अवसर होगा,जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए अपने साहस,संघर्ष और बलिदान की अमिट गाथा लिखी। इसी क्रम में जनपद पौड़ी गढ़वाल में भी जिला स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर जनपद भर में एक गरिमामय और प्रेरणादायी वातावरण निर्मित करने की तैयारी चल रही है। जनपद स्तरीय मुख्य समारोह तहसील मुख्यालय पौड़ी में आयोजित होगा। जिलाधिकारी स्वाति एस.भदौरिया ने इस संबंध में गत दिवस सभी उप जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि समारोह की तैयारियां समयबद्ध और सुसंगठित ढंग से पूरी की जाएं,ताकि यह आयोजन राज्य निर्माण में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि सिद्ध हो। जिलाधिकारी ने कहा कि यह समारोह केवल एक सरकारी आयोजन नहीं,बल्कि उत्तराखण्ड के संघर्ष,आत्मसम्मान और एकता की भावना का जीवंत प्रतीक होगा। इस अवसर पर उन वीर आन्दोलनकारियों या उनके परिजनों को सम्मानित किया जाएगा,जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए असाधारण योगदान दिया और उत्तराखण्ड को आज का स्वरूप देने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। जिलाधिकारी स्वाति एस.भदौरिया ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी सम्मान समारोह राज्य निर्माण के लिए समर्पित उन वीरों के प्रति कृतज्ञता का अवसर है,जिन्होंने अपने अदम्य साहस और अटूट विश्वास से यह सपना साकार किया। उन्होंने कहा यह आयोजन केवल अतीत की स्मृति नहीं,बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का संदेश है कि संघर्ष और समर्पण से ही असंभव को संभव बनाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि जनपद के विभिन्न तहसील मुख्यालयों पर भी सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए निम्न स्थानों को आयोजन स्थल के रूप में निर्धारित किया गया है-पौड़ी व चाकीसैंण-तहसील परिसर पौड़ी,कोटद्वार-नगर निगम ऑडिटोरियम बद्रीनाथ मार्ग,लैंसडौन व रिखणीखाल-तहसील परिसर,थलीसैंण व बीरोंखाल-तहसील परिसर,सतपुली व चौबट्टाखाल-तहसील परिसर,यमकेश्वर व जाखणीखाल-गीता आश्रम स्वर्गाश्रम-जौंक,तहसील परिसर धुमाकोट। इन सभी स्थानों पर स्थानीय प्रशासन की देखरेख में समारोह आयोजित होंगे,जिनमें संबंधित क्षेत्र के आंदोलनकारियों या उनके परिजनों को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाएगा। 8 नवम्बर 2000 को स्थापित उत्तराखण्ड राज्य ने 25 वर्षों की यात्रा में विकास,पर्यावरण संरक्षण,पर्यटन,शिक्षा और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। यह समारोह इस बात का भी प्रतीक है कि राज्य निर्माण के पीछे केवल आंदोलन नहीं,बल्कि जनता की दृढ़ इच्छा शक्ति और पहचान की चेतना थी। आगामी 8 नवम्बर को जब समूचा जनपद एक साथ अपने राज्य निर्माण सेनानियों को नमन करेगा,तब यह क्षण केवल सम्मान का नहीं,बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक चेतना और स्वाभिमान का उत्सव होगा। यह समारोह उन वीर आंदोलनकारियों की स्मृति को अमर करेगा जिन्होंने देवभूमि के लिए संघर्ष किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक गौरवशाली उदाहरण छोड़ा।








