श्रीनगर गढ़वाल। पाबों विकास खंड के ब्लॉक संसाधन केंद्र कोटली में तीन दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन गरिमामय वातावरण में हुआ। प्रशिक्षण का मुख्य विषय था-साइबर हाइजीन प्रैक्टिसेज,जिसके अंतर्गत शिक्षकों को डिजिटल सुरक्षा,ऑनलाइन जोखिमों और साइबर अपराधों से बचाव के आधुनिक तरीकों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण सत्र का संचालन सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,भारत सरकार के इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन अवेयरनेस (ISEA) प्रोजेक्ट के साइबर एम्बेसडर डॉ.अतुल बमराडा द्वारा किया गया। यह सत्र आईसीटी इन एजुकेशन के तहत आयोजित किया गया,जिसमें शिक्षकों को तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया में सजग,सुरक्षित और जागरूक रहने के व्यावहारिक उपाय समझाए गए। डॉ.बमराडा ने फिशिंग हमलों की पहचान,सोशल मीडिया सुरक्षा,डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम 2023 (DPDP Act 2023),व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण उपाय,डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर अपराधों की रोकथाम,मजबूत पासवर्ड निर्माण और पासवर्ड हाइजीन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने वास्तविक केस-स्टडीज और उदाहरणों के माध्यम से बताया कि शिक्षक न सिर्फ स्वयं को बल्कि विद्यार्थियों और समाज को भी साइबर जोखिमों से सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी रमेश सिंह गुसाईं ने इसे अत्यंत सार्थक और समयानुकूल बताते हुए कहा कि आज के डिजिटल परिवेश में ऐसी जागरूकता अनिवार्य है। उन्होंने ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान विषय पर भी महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए,जिनका संचालन मुख्य प्रशिक्षक आशीष रावत,अरविन्द कुमार,प्रवीण सुन्दली एवं सुशील चन्द्र ने किया। उन्होंने शिक्षण कौशल को प्रभावी बनाने और कक्षा में नवीन गतिविधियों को शामिल करने के व्यावहारिक उपाय साझा किए। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण ने प्रतिभागी शिक्षकों को न केवल तकनीकी रूप से सशक्त बनाया बल्कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने की समझ भी विकसित की-जो आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित डिजिटल भविष्य देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।








