श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (एमएमटीटीसी) में बुधवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर केंद्रित सात दिवसीय केंद्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। आधुनिक तकनीक और एआई आधारित शिक्षण-प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में सात राज्यों के 15 विश्वविद्यालयों के 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे जीबी पंत इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी संस्थान पौड़ी के निदेशक प्रो.विजय कुमार बंगा ने अपने प्रभावशाली संबोधन में कहा रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मूल उद्देश्य मानव जीवन को सरल बनाना और मशीनों की उपयोगिता का सकारात्मक सदुपयोग करना है। भविष्य में विषम परिस्थितियों,आपदा प्रबंधन,चिकित्सा,सुरक्षा और अनुसंधान कार्यों में रोबोट व एआई महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि दुनिया तेजी से एआई आधारित तकनीकों की ओर बढ़ रही है, ऐसे में शिक्षकों और शोधार्थियों को इन उन्नत उपकरणों के उपयोग में दक्ष होना आवश्यक है। विशेषज्ञों ने साझा किए एआई टूल्स,डेटा और पेटेंट प्रक्रिया पर विचार प्रो.एच.सी.नैनवाल डीन अर्थ साइंस ने एआई के वैश्विक प्रभाव और शोध क्षेत्र में इसकी बढ़ती भूमिका पर महत्वपूर्ण विचार रखे। डॉ.ओमप्रकाश और डॉ.प्रेमनाथ ने एआई टूल्स,उनकी व्यावहारिक उपयोगिता,अनुसंधान में डेटा विश्लेषण और पेटेंट प्रक्रिया की जटिलताओं को सरल शब्दों में समझाया। कार्यक्रम के समापन पर एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो.डी.एस.नेगी ने सात दिवसीय प्रशिक्षण की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूरे प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को 100 से अधिक एआई टूल्स की कार्यप्रणाली,उपयोग क्षेत्र,सीमाएं और संभावनाओं पर व्यापक जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल शिक्षक-प्रशिक्षकों के लिए बल्कि उच्च शिक्षा में नवाचार अपनाने की दिशा में भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा। उपलब्धियों से भरा समापन-भविष्य की तकनीक के लिए तैयार नई पीढ़ी,कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने एआई आधारित शिक्षण,शोध और प्रशासनिक सुधारों पर अनुभव साझा किए। सभी ने इस प्रकार की उन्नत कार्यशाला को समय की आवश्यकता बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार जताया। गढ़़वाल विश्वविद्यालय में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उच्च शिक्षा क्षेत्र में एआई आधारित तकनीकों को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी पहल के रूप में देखा जा रहा है। श्रीनगर में यह आयोजन तकनीक-समृद्ध भविष्य की ओर एक और मजबूत कदम साबित हुआ है।








