श्रीनगर गढ़वाल। अलकनंदा तट पर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर अब उत्तराखंड ही नहीं,बल्कि पूरे उत्तर भारत में स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैयार करने का उभरता हुआ प्रमुख केंद्र बन गया है। जहां पहले केवल एमबीबीएस शिक्षा प्रदान की जाती थी,वहीं अब यह संस्थान पीजी,एमडी-एमएस और डीएनबी जैसे उच्च स्तरीय विशेषज्ञता कोर्सों का सुदृढ़ केन्द्र बन चुका है। कॉलेज ने अब तक 65 से अधिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैयार किए हैं,जो वर्तमान में प्रदेश ही नहीं,बल्कि देश के विभिन्न प्रतिष्ठित अस्पतालों में महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं। यही नहीं कॉलेज में वर्तमान में 52 सीटों पर पीजी व डीएनबी कोर्स सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं और 34 नई सीटों के लिए एनएमसी में आवेदन किया जा चुका है। यह उपलब्धि न केवल संस्थान बल्कि पूरे उत्तराखंड के स्वास्थ्य तंत्र के लिए मील का पत्थर है। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में 2014 में एनाटॉमी विभाग में शुरू हुआ पीजी कोर्स अब 11 विभागों तक विस्तार पा चुका है। वर्ष 2021 के बाद से कॉलेज को कई विभागों में पीजी अनुमोदन प्राप्त हुआ,जिसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशिक्षण की दिशा में बड़ा बदलाव आया। वर्तमान में संचालित कोर्स-एमडी-एमएस कोर्स-24 सीटें,डीएनबी डिप्लोमा कोर्स-38 सीटें,कुल सीटें-52,एनएमसी में आवेदन की गई नई सीटें-34,2021-2023 के बीच 65 स्पेशलिस्ट तैयार-पीजी कार्यक्रमों के शुरू होने के बाद कॉलेज ने मात्र तीन वर्षों में 65 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार किए,जो प्रदेश के समस्त जनपदों और अन्य राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बन रहे हैं। किन विभागों से तैयार हुए स्पेशलिस्ट डॉक्टर,एमडी-एमएस 20 डॉक्टर-फिजियोलॉजी,फार्माकोलॉजी,माइक्रोबायोलॉजी,फॉरेंसिक मेडिसिन,पैथोलॉजी,कम्युनिटी मेडिसिन,ऑफ्थैल्मोलॉजी। डीएनबी 45 डॉक्टर ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी,ईएनटी,पीडियाट्रिक्स,ऑप्थैल्मोलॉजी,एनेस्थीसिया। कॉलेज में चल रहे ये कोर्स न केवल युवा डॉक्टरों के लिए नई संभावनाओं को खोल रहे हैं,बल्कि पहाड़ों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी भी तेजी से कम हो रही है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ.आशुतोष सयाना ने बताया कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज अब विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार करने की पहली पसंद बन गया है। बेहतर शिक्षण,अनुभवी संकाय और अत्याधुनिक सुविधाओं ने इसे मजबूत आधार दिया है। वर्तमान में 52 सीटों पर प्रशिक्षण चल रहा है और 34 अतिरिक्त सीटों के लिए एनएमसी में आवेदन किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीजी पूरा करने के बाद डॉक्टरों की सूची स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाती है,जिसके आधार पर उन्हें प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में नियुक्त किया जाता है। वहीं ऑल इंडिया कोटा से आए डॉक्टर अपने-अपने राज्यों में सीनियर रेज़िडेंट के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज द्वारा 65 से अधिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैयार किए जाना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की उपलब्धि है। पीजी,एमडी-एमएस और डीएनबी कोर्सों के सफल संचालन ने उत्तराखंड को मेडिकल शिक्षा का सशक्त केंद्र बना दिया है। सरकारी प्रयासों से जल्द ही पीजी सीटों में और बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ने से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी और पहाड़ी क्षेत्रों में भी बेहतर उपचार की सुविधा मिलेगी। प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के बीच स्थित श्रीनगर मेडिकल कॉलेज आधुनिक सुविधाओं,अनुभवी संकाय और उन्नत तकनीक के साथ अब एक मॉडल मेडिकल संस्थान के रूप में तेजी से उभर रहा है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैयार करने की इसकी क्षमता आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा देने वाली है। यह उपलब्धि श्रीनगर ही नहीं पूरे गढ़वाल और उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है,अब पहाड़ खुद अपने विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार कर रहा है।








