पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। पौड़ी के परसुंडाखाल क्षेत्र में वाहन रिकवरी के दौरान उत्पन्न हुए विवाद ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया,जिसमें कुछ व्यक्तियों द्वारा रिकवरी एजेंट और उनके अधिवक्ता पर पत्थरबाजी कर हमला किया गया। सूचना मिलते ही कोतवाली पौड़ी पुलिस ने बिना विलंब के घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और हिंसा में शामिल चार व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से संभावित बड़ी घटना टल गई। पौड़ी कोतवाली के कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि परसुंडाखाल क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा बैंक की रिकवरी टीम पर हमला किया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम तत्काल मौके के लिए रवाना हुई। पुलिस के पहुंचने तक स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण हो चुकी थी। मौके पर दो लोगों पर भीड़ द्वारा पत्थर फेंके जा रहे थे और हमला करने का प्रयास किया जा रहा था। पुलिस टीम ने सख्त चेतावनी देते हुए भीड़ को तितर-बितर किया और स्थिति पर नियंत्रण पाया। कई लोग मौके से भागने लगे। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराने का हरसंभव प्रयास किया,लेकिन झगड़ा न रुकने और शांति व्यवस्था भंग करने पर चार लोगों को मौके से हिरासत में लिया गया। अमित सिंह निवासी मेहरगांव पौड़ी,अभिमन्यु रावत निवासी पैडुलस्यूं पौड़ी,अजय कुमार निवासी परसुंडाखाल पौड़ी तथा ऋतुराज कुकरेती निवासी लक्ष्मी नारायण मोहल्ला पौड़ी शामिल हैं। चारों अभियुक्तों को आवश्यक वैधानिक कार्यवाही हेतु संयुक्त मजिस्ट्रेट पौड़ी के समक्ष पेश किया गया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि अमित सिंह नामक व्यक्ति ने अगस्त 2022 में महिंद्रा फाइनेंस से रुपए 9,00,000 का ऋण लेकर बोलेरो वाहन फाइनेंस कराया था। तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद न तो वाहन का रजिस्ट्रेशन कराया गया,न ही किसी किस्त का भुगतान किया गया। कंपनी द्वारा कई बार संपर्क करने के बाद भी भुगतान न करने पर रिकवरी टीम वाहन को कब्जे में लेने के लिए मौके पर पहुंची। किंतु वाहन स्वामी ने नियमों के अनुसार सहयोग करने के बजाय विवाद खड़ा कर रिकवरी एजेंट और अधिवक्ता के साथ मारपीट कर दी। यह आचरण पूर्णतः कानून-विरुद्ध और अशोभनीय पाया गया, जिस पर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की। इस घटना पर पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी विवाद का समाधान कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी ने कहा पुलिस नागरिकों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी व्यक्ति यदि हिंसा या आत्मन्याय का मार्ग अपनाता है,तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। विवादों का समाधान केवल कानून के दायरे में होना चाहिए,हिंसा का नहीं। घटना के बाद पौड़ी पुलिस ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है तथा स्थानीय लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने यह भी चेताया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं में शामिल पाए जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं। विवाद का समाधान अदालतों और कानूनी संस्थाओं के माध्यम से ही किया जाना चाहिए,अन्यथा हिंसा का रास्ता न केवल समाज के लिए खतरनाक है,बल्कि स्वयं अपराधियों के भविष्य को भी नष्ट कर देता है। पौड़ी पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने न केवल हिंसा पर अंकुश लगाया,बल्कि कानून व्यवस्था में जनता के विश्वास को भी और सशक्त किया है।








