पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। पर्यावरण संरक्षण को जन-जन तक पहुंचाने वाली समलौण पहल एक बार फिर जनपद पौड़ी के ग्रामीण अंचल में जीवंत होती दिखाई दी। विकास खंड थलीसैंण की पट्टी ढाईज्युली के ग्राम मंझोली में प्रकाश और प्रियंका ने अपने वैवाहिक जीवन के पवित्र अवसर को अनोखे ढंग से यादगार बनाते हुए अपने घर के आंगन में संतरे का समलौण पौधा रोपित किया। पौधारोपण का यह शुभ कार्य न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का विशेष क्षण बना,बल्कि समलौण परंपरा के माध्यम से एक बड़ा संदेश भी दिया-संस्कारों को प्रकृति से जोड़कर जीवन को हरियाली से भर देना। समारोह में परिवार की बड़ी-बुजुर्ग सदस्य जमुना देवी ने संतरे के पौधे के संरक्षण का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि जैसे परिवार बच्चों को स्नेह से बड़ा करता है,वैसे ही यह पौधा भी घर की मान-सम्मान का हिस्सा होगा। गांव की समलौण सेना की नायिका ज्योति देवी ने पूरे कार्यक्रम का संयोजन किया। उन्होंने बताया कि जीवन में सोलह संस्कार आते हैं। समलौण पहल इन्हें प्रकृति से जोड़कर यादगार बनाती है। यह मात्र पौधारोपण नहीं,बल्कि मनुष्य और प्रकृति के बीच भावनात्मक रिश्ता जगाने की सांस्कृतिक परंपरा है। उन्होंने यह भी कहा कि आज समलौण सेना गांव-गांव में छोटी-छोटी इकाइयों के रूप में सक्रिय है और हर संस्कार को पौधारोपण से जोड़कर पर्यावरण संरक्षण का जनजागरण कर रही है। ज्योति देवी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आज समलौण पहल केवल एक अभियान नहीं,बल्कि एक जन-आंदोलन बन चुकी है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से आग्रह किया कि हर शुभ अवसर संस्कार और पारिवारिक पर्व पर एक समलौण पौधा अवश्य रोपना चाहिए,परिवार मिलकर जिस पौधे का संरक्षण करता है,वही पौधा भविष्य में गांव और समाज के लिए प्रेरणा बनता है। इस अवसर पर उमा देवी,भुमा,किरण सहित कई ग्रामीण महिलाएं और पुरुष उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने भी समलौण परंपरा को अपनाने पर खुशी जताई। पौधारोपण के इस पुनीत अवसर पर प्रकाश-प्रियंका के परिवार ने समलौण सेना की महिलाओं को सम्मान और प्रोत्साहन स्वरूप धनराशि भी भेंट की। इससे गांव की समलौण टीम का मनोबल और बढ़ गया।








