श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल मंडल की चिकित्सा सेवाओं के केंद्र राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता का परिचय दिया है। कॉलेज से संबद्ध बेस चिकित्सालय श्रीनगर के गायनी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने दो अत्यंत जटिल शल्यक्रियाओं को सफलता पूर्वक संपन्न कर चिकित्सा क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है। दोनों ही मरीज गंभीर अवस्था में अस्पताल लाई गई थीं,जिन्हें चिकित्सकों ने अपनी दक्षता,अनुभव और आधुनिक तकनीक के सहयोग से नया जीवन प्रदान किया। रुद्रप्रयाग की निवासी पूजा को तेज दर्द और असामान्य स्थिति में अस्पताल लाया गया। जांच में डॉक्टरों ने पाया कि उसकी ओवरी में 8 सेंटीमीटर का बड़ा सिस्ट है,जिससे ओवरीयन टॉर्शन की स्थिति बन गई थी। खास बात यह रही कि मरीज के पहले भी दो ऑपरेशन हो चुके थे,जिससे स्थिति और अधिक संवेदनशील थी। फिर भी गायनी विभाग की टीम ने लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से सिस्ट को सुरक्षित रूप से निकालने में सफलता प्राप्त की। सर्जरी के बाद पूजा की स्थिति पूरी तरह सामान्य है और उन्होंने डॉक्टरों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। दूसरा मामला जोशीमठ के उर्गम गांव की 48 वर्षीय कमला का था,जो लंबे समय से असामान्य गर्भाशयी रक्तस्राव की गंभीर समस्या से जूझ रही थीं। जांच के दौरान पता चला कि उनके गर्भाशय में लगभग 5 किलोग्राम वजनी फाइब्रॉइड है,जिसके कारण गर्भाशय का आकार 36 सप्ताह के गर्भ जितना बड़ा हो गया था। उन्हें गोपेश्वर से रेफर किया गया था। बेस अस्पताल के डॉक्टरों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में टोटल एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी विथ बिलैटरल सैल्पिंगो-ओओफोरेक्टॉमी प्रक्रिया अपनाते हुए सफलतापूर्वक सर्जरी की। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति सामान्य बनी हुई है। दोनों ऑपरेशनों का नेतृत्व गायनी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नेहा काकरान ने किया। उनकी टीम में डॉ.निधि,डॉ.पूजा,आकाश,तथा एनेस्थीसिया विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.मोहित कुमार,डॉ.कीर्तन और डॉ.मुस्तकीन शामिल रहे। डॉ.नेहा ने बताया कि गायनी विभाग निरंतर जटिल और उच्च जोखिम वाले मामलों का सफल उपचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा यहीं श्रीनगर में मिले ताकि उन्हें महानगरों की ओर न जाना पड़े।क्षप्रदेश के चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में बेस अस्पताल श्रीनगर की सुविधाओं में निरंतर विस्तार किया जा रहा है। आधुनिक उपकरणों,प्रशिक्षित विशेषज्ञों और अत्याधुनिक लैप्रोस्कोपी यूनिट की बदौलत अब यहां वे सर्जरी भी संभव हैं जो पहले केवल बड़े शहरों में होती थी। इससे गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग,पौड़ी,टिहरी और चमोली जैसे जिलों की महिलाओं को अब देहरादून या दिल्ली तक की यात्रा नहीं करनी पड़ती। गायनी विभाग के एचओडी डॉ.नवज्योति बोरा के नेतृत्व में विभाग में डॉ.दीप्ति शर्मा,डॉ.नेहा काकरान,डॉ.निधि बहुगुणा,डॉ.रजनीकांत और प्रशिक्षु चिकित्सकों की टीम लगातार बेहतर सेवाएं प्रदान कर रही है। यहां उच्च जोखिम गर्भावस्था,लैप्रोस्कोपिक एवं वैजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी,सिस्ट सर्जरी,नसबंदी,हिस्टेरोस्कोपी,स्लिंग सर्जरी,कोल्पोस्कोपी,बांझपन उपचार सहित कई आधुनिक प्रक्रियाएं की जाती हैं। लगातार हो रही ऐसी सफल सर्जरियों से बेस चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल मंडल की स्वास्थ्य सेवाओं का भरोसेमंद केंद्र बन चुका है। चिकित्सा टीम का लक्ष्य है-गढ़वाल मंडल के हर मरीज को अपने घर के नजदीक ही उत्कृष्ट इलाज मिले और किसी को बड़े शहरों की ओर न जाना पड़े।








