जिले भर की पुलिस फोर्स की मौजूदगी में अधिकारियों ने की कार्रवाई
इन्द्राचौक से लगने वाले चारों हाइवे बंद कर दरगाह हटाई गई
कार्रवाई के दौरान सतर्क रही पुलिस फोर्स मीडिया सहित अन्य लोगों को जाने से रोका
यूपी के बिलासपुर में स्थित है सैय्यद मासूम शाह मियां की असल दरगाह
विभिन्न समुदायों की आस्था पर चल गया बुलडोजर,विभिन्न धर्मों की महिलाएं रो पड़ी
रुद्रपुर – (एम सलीम खान संवाददाता) शहर में आज सुबह सुबह हड़कंप मच गया, और शहर के मुख्य चौराहे पर इतनी भारी पुलिस फोर्स को तैनात देख कर हर कोई हैरत में पड़ गया, मौके पर मौजूद भारी पुलिस फोर्स और आला अधिकारियों की मौजूदगी से हर कोई हैरत में था,जब मामला समझ में आया तो मौके पर मौजूद विभिन्न धर्मों की महिलाओं के आंसू रुक नहीं पाए,दर असल एन एच के अफसरों के साथ मौके पर मौजूद पुलिस शहर के इन्दचौक पर स्थित सैय्यद मासूम शाह मियां और सज्जाद मियां की दरगाह को हटाने के लिए पहुंचे थे।
प्रशासन ने बीती रात करीब 3 बजे अचानक भारी पुलिस फोर्स के साथ मिलकर शहर के इन्द्रा चौंक पर स्थित सैय्यद मासूम शाह मियां और सज्जाद मियां की दरगाह को हटाने का काम शुरू कर दिया।
सुबह जैसे ही सूरज की पहली किरण निकली तो प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों से मे हड़कंप मच गया और लोगों मौके पर पहुंचने लगे लेकिन प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया हुआ था और पुलिस कर्मी किसी भी व्यक्ति को मौके पर नहीं जाने दे रहे बल्कि पुलिस कर्मियों ने पत्रकारों को भी दरगाह से दूर रोक दिया इस बात को लेकर पुलिस कर्मियों और पत्रकारों में तीखी बहस भी हुई लेकिन पुलिस ठस से मस नहीं हुई, प्रशासन ने जेसीबी मशीन की दरगाह को हटाने का काम शुरू कर दिया और महज़ कुछ घंटों में ही दरगाह हटा दी इस दौरान भारी संख्या में लोग दूर खड़े अपनी आस्था को उजड़े जाने का खेल देखते रहे, और मौके पर मौजूद बहुत सी महिलाएं रोती बिलखती रही, प्रशासन ने युद्ध स्तर पर दरगाह को हटाने का काम किया और मौके पर मौजूद पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए थी।
एस पी सिटी खुद मौके पर तैनात रहे इसके अलावा जिले भर की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था, जैसे जैसे सूरज आगे बढ़ता रहा प्रशासन भी अपना काम करता रहा आखिरकार प्रशासन ने दरगाह को हटाने के बाद वहां मिट्टी डालकर सड़क निर्माण का काम कर दिया, इस दौरान लोगों का हूजूम बढ़ता रहा और पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में लगी रही, बता दें कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर एन एच की ओर दरगाह के गद्दी नशीन सैय्यद हसीन मियां को नोटिस जारी किया गया और दरगाह से संबंधित दस्तावेज तलब किए गए थे लेकिन इस मामले दरगाह के गद्दी नशीन सैय्यद हसीन मियां ने उदासीनता दिखाई और फिर प्रशासन ने आगे की कार्रवाई को अंजाम दे दिया।
यूपी के बिलासपुर में है सैय्यद मासूम शाह मियां की दरगाह
शहर विधायक शिव अरोरा ने एक स्थानीय लोकल न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में इस बात का दावा किया था कि सैय्यद मासूम शाह मियां की दरगाह उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर के बिलासपुर में है, हमने जब उनके दावे की पड़ताल की तो मालूम हुआ कि सैय्यद मासूम शाह मियां की दरगाह बिलासपुर के मौहल्ले में स्थित है और वहां भी उन में आस्था रखने वाले लोगों का हूजूम उमड़ है, और रुद्रपुर में सैय्यद मासूम शाह मियां अक्सर आते रहते हैं और उनका रुद्रपुर से बेहद लगाव था और सैयद मासूम शाह मियां रुद्रपुर के इंदिरा चौक पर बैठ कर रुद्रपुर के आने वाले भविष्य को संवारने का जिक्र किया करते थे और उन्होंने जो भी कहा वह सब कुछ आज शहर में दिखाई दे रहा है, लेकिन आपकी चिल्लेगाह पर आने वाले विभिन्न समुदायों की लोगों आस्था इस दरगाह से जुड़ी हुई है और विभिन्न धर्मों के अनुयायियों द्वारा रुद्रपुर की दरगाह पर चादर पोशी करते हुए अपनी मुरादें मांगी जाती थी और उन्हें फैज भी मिलता था।
मौके पर मौजूद नहीं थे गद्दी नशीन सैय्यद हसीन मिया
प्रशासन ने दरगाह को हटाने की कार्रवाई शुरू की तो उस दौरान मौके पर दरगाह के गद्दी नशीन सैय्यद हसीन मियां सहित अन्य कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं था, और प्रशासन ने भी किसी ज़िम्मेदार व्यक्ति को की जा रही कार्रवाई की जानकारी देना उचित नहीं समझा और एका एक दरगाह हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी,जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर प्रशासन को दरगाह को हटाने ही था तो इससे पहले कमेटी के जिम्मेदार लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था लेकिन प्रशासन ने किसी को विश्वास में लिए बिना ही इस कारवाई को अंजाम दिया है, जो विभिन्न धर्मों की आस्था पर घात है, और जिला प्रशासन को दरगाह से जुड़े लोगों को और जनप्रतिनिधियों को साथ मिलकर बातचीत करनी चाहिए थी।
एस पी सिटी नेगी बोले एक बार नहीं कई बार जारी किए गए नोटिस
प्रशासन की दरगाह हटाने के दौरान एस पी सिटी उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर यह कारवाई की गई और दरगाह से जुड़े लोगों को एक बार नहीं बल्कि कई बार एन एच की ओर से नोटिस जारी किया गया था लेकिन उन नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके बाद एन एच के अधिकारियों के साथ मिलकर मकबरे को हटाने की कार्रवाई की गई है।
100 साल पुरानी है दरगाह
स्थानीय लोगों के मुताबिक सैयद मासूम शाह मियां और सज्जाद मियां की यह दरगाह करीब 100 साल पुरानी है, लोगों के मुताबिक यह दरगाह वफ्फ बोर्ड में शामिल हैं और एक अरसे से लोगों की आस्था का अहम मरकज है, लेकिन आज हजारों लोगों की आस्था का पवित्र बंधन खत्म कर दिया गया है, बताया कि यहां सिर्फ मुस्लिम नहीं बल्कि हिन्दू सिख ईसाई विभिन्न धर्मों के अनुयायियों द्वारा अमन-चैन की दुआएं मांगी जाती थी यह घटना हजारों लोगों की आस्था पर कुठर घात हैं और लोगों की आस्था पर ठेस पहुंचाने वाला है।