श्रीनगर गढ़वाल। राज्य के किसान आंदोलन और ग्रामीण विकास से जुड़े मुद्दों को सशक्त स्वर देने के उद्देश्य से किसान मंच ने अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए कुसुम लता बौड़ाई को उत्तराखंड प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया है। यह नियुक्ति किसान मंच भारत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष/प्रवक्ता भोपाल सिंह चौधरी द्वारा औपचारिक रूप से प्रदान की गई। प्रदेश में पर्वतीय कृषि की रीढ़ महिलाएं हैं-इस तथ्य को स्वीकारते हुए संगठन ने उनके नेतृत्व को आगे लाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। महिला कृषक आज भी खेत,घर,परिवार और समाज की जिम्मेदारी एक साथ निभाती हैं,लेकिन नीतिगत स्तर पर उनकी आवाज़ अक्सर अनसुनी रह जाती है। किसान मंच का मानना है कि कुसुम लता बौड़ाई ऐसी प्रतिनिधि हैं,जो इस खाई को पाटने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी। कुसुम लता बौड़ाई लंबे समय से महिला सशक्तिकरण,ग्रामीण विकास,किसान अधिकार,तथा सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय आंदोलनकर्ता रही हैं। पहाड़ी गांव की पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने अपनी शिक्षा शहर में पूरी की,लेकिन अपनी जड़ों से जुड़ाव बनाए रखते हुए पुनः गांव लौटकर महिला समूहों,स्वयं सहायता संगठनों,युवा समूहों और स्थानीय किसानों के साथ निरंतर कार्य किया। उनकी यही सक्रियता,संवेदनशीलता और संघर्ष-शीलता उन्हें संगठन की एक सशक्त आवाज के रूप में सामने लाती है। किसान मंच पूर्व प्रधानमंत्री स्व.वी.पी.सिंह की किसान-केंद्रित सोच पर आधारित संगठन है,जो किसी राजनीतिक दायरे से इतर रहकर किसानों के मुद्दों को मजबूत ढंग से उठाता है। संगठन का स्पष्ट मानना है कि पर्वतीय क्षेत्रों की खेती का बड़ा हिस्सा महिलाएं संभालती हैं,लेकिन उनकी समस्याएं और संघर्ष नीति-निर्माण के स्तर तक नहीं पहुंच पाते। इसी अंतर को कम करने और महिला किसानों की वास्तविक स्थिति को उजागर करने के लिए कुसुम लता बौड़ाई को नियुक्त किया गया है। प्रदेश प्रवक्ता का दायित्व संभालने के बाद कुसुम लता बौड़ाई ने कहा पहाड़ की खेती महिलाओं की हिम्मत,मेहनत और धैर्य पर चलती है। अब समय आ गया है कि उनकी चुनौतियों-जैसे बाजार तक पहुंच,आधुनिक तकनीक,प्रशिक्षण,योजनाओं का लाभ और सुरक्षा को गंभीरता से सुना जाए और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण स्तर पर वर्षों तक कार्य करने का उनका अनुभव महिला किसानों की समस्याओं को नजदीक से समझने और प्रभावी समाधान तक पहुंचाने में मदद करेगा। किसान मंच ने विश्वास जताया कि कुसुम लता बौड़ाई की नियुक्ति से संगठन की आवाज और अधिक प्रभावी होगी,ग्रामीण महिलाओं की समस्याएं उच्च स्तर पर उठ सकेंगी,पर्वतीय कृषि से जुड़े मुद्दों को नया आयाम मिलेगा,और संगठनात्मक मजबूती में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह नियुक्ति सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं,बल्कि उत्तराखंड की पहाड़ी महिला किसानों के लिए नई उम्मीद,नई दिशा और नई ऊर्जा का सूत्रपात है।








