सफलता के लिए मैनेजमेंट, विश्लेषण,और स्किल्स महत्वपूर्ण:वीसी

ख़ास बातें
फार्मासिस्ट की वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकतओं में भूमिका पर फार्मेसी कॉलेज में कार्यक्रम
मरीज के साथ प्रभावी संवाद उचित बीमारी को जानने में मददगार: प्रो. प्रीथपाल सिंह मटरेजा
फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग वर्मा ने सभी प्रतिभागियों को दिलाई फार्मसिस्ट की शपथ
फार्मेसी के स्टुडेंट्स ने लगाए फ़ूड एंड फन, ड्रग बूथ और मेडी-शेफ कुकिंग के स्टाल

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादबाद के कुलपति प्रो. वीके जैन ने कहा, जीवन में सफलता के लिए कुशल मैनेजमेंट, प्रतिदिन का विश्लेषण, ज्ञान, दृष्टिकोण और स्किल्स का निरंतर विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है। सकारात्मक दृष्टिकोण नए रास्ते दिखाता है। आपके आसपास सीखने और ज्ञान हासिल करने के अब प्रचुर स्रोत है, आवश्यता केवल सही चयन और सही दिशा में आगे बढ़ने की है। प्रत्येक व्यक्ति क्षमतावान होता है। उसके प्रयास ही उसकी सफलता के स्तर को निर्धारित करते है। सही समय पर सही दृष्टिकोण के साथ सही व्यवहार ही सफलता के नए आयाम गढ़ता है। प्रो. जैन तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फार्मेसी कॉलेज की ओर से फार्मासिस्ट की वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकतओं में भूमिका पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पहले वीसी प्रो. जैन ने बतौर मुख्य अतिथि, मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के वाइस प्रिंसिपल डॉ. प्रीथपाल सिंह मटरेजा, फार्मेसी प्राचार्य डॉ. अनुराग वर्मा, डॉ. मुकेश सिंह सिकरवार आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग वर्मा ने सभी प्रतिभागियों को फार्मसिस्ट की शपथ भी दिलाई। इस मौके पर अतिथियों को बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के वाइस प्रिंसिपल प्रो. प्रीथपाल सिंह पाल सिंह मटेरेजा ने बताया, मरीज की काउंसलिंग करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। मरीज के साथ प्रभावी संवाद ही उचित बीमारी को जानने में मदद करता है। प्रो. सिंह ने हेसिटेंट ड्रग रेजिस्टेंस पर भी विस्तार से जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, अगर डायग्नोसिस बेहतर होगी तो वह अच्छा इलाज कर सकता है। मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस पर चर्चा करते हुए बताया, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आईसीएमआर, नई दिल्ली, जैव-चिकित्सा अनुसंधान हेतु निर्माण, समन्वय और प्रोत्साहन के लिए शीर्ष संस्था है। फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग वर्मा ने फार्मसिस्ट की चिकित्सा के क्षेत्र में भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही फार्मसिस्ट के उत्तरदायित्वों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने भारत में टीबी, एड्स मलेरिया, अस्थमा आदि बीमारियों की भारत में स्थिति, उनके प्रति जागरूकता और उसमें फार्मासिस्ट की भूमिका को भी स्पष्ट किया।

कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें फार्मेसी कॉलेज के छात्र-छात्राओं की ओर से फ़ूड एंड फन, ड्रग बूथ और मेडी-शेफ कुकिंग प्रतियोगिता से संबंधित स्टाल लगाए गए। फ़ूड एंड फन स्टॉलस में छात्रों ने स्वादिष्ट व्यंजन और रोचक नाम रख कर खाद्य पदार्थों को एक नए अंदाज में पेश किया। इसकी विशेषता यह थी कि उन खाद्य पदार्थाे में औषधीय गुण वाले तत्वों को रेखांकित किया गया था। ड्रग बूथ स्टाल्स के जरिए दवाओं के साइड इफ़ेक्ट, दुष्प्रभाव, दवाओं के उचित सम्मिलन और अन्तरभिक्रियों के बारे में बताया गया। इन प्रतियोगिताओं के समन्वयन में कार्तिकेय, चेतन, वैभव ढंगवाल, नवनीत कौर, शिवांश, संदेश सराफ आदि छात्रों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में 35 से अधिक शिक्षकों और 300 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

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