देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। संस्कृत अकादमी उत्तराखंड सरकार के तत्वावधान में आयोजित जनपद स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं का आज राजपुर रोड स्थित कन्या गुरुकुल संस्कृत डिग्री कॉलेज में गरिमामय माहौल के बीच भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का आगाज दीप प्रज्वलन,मां सरस्वती के समक्ष वंदना तथा अतिथियों के स्वागत सत्कार के साथ हुआ,जिसने पूरे परिसर में उत्साह, ज्ञान और सांस्कृतिक वैभव का वातावरण बना दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उपनिदेशक शिक्षा मंजू भारती एवं विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने संयुक्त रूप से किया। छात्र-छात्राओं एवं उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए मंजू भारती ने कहा संस्कृत केवल भाषा नहीं,बल्कि हमारे सांस्कृतिक वैभव का आधार है। उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा होने के नाते संस्कृत का संरक्षण व संवर्धन हम सबकी जिम्मेदारी है। इस प्रकार की प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों में संस्कृत के प्रति नैसर्गिक रुचि को बढ़ाती हैं। वहीं डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा किसी भी प्रतियोगिता में जीतना ही उद्देश्य नहीं होता,बल्कि प्रतिभाग ही सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह मंच विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा,संस्कृति और शास्त्रीय विधाओं से गहराई से जोड़ने का अवसर देता है। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। जनपद संयोजक आचार्य आसाराम मैठाणी और सह संयोजक मनोज कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में लगभग 22 टीमें प्रतिभाग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में नियमितता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु कनिष्ठ एवं वरिष्ठ वर्ग के लिए अलग-अलग निर्णायकों की नियुक्ति की गई है। आचार्य मैठाणी ने उच्च अधिकारियों की उपस्थिति को शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य राम लखन गैरोला ने की। इस अवसर पर खंड संयोजक कालसी से अंजू श्रीवास्तव,विकासनगर से मनमोहन फुलोरिया,सभी विकासखंड संयोजक,विद्यालयों के शिक्षक,प्रधानाचार्य एवं प्रतिभागी छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम स्थल पर पूरे दिन उत्साह,प्रतियोगी भावना और संस्कृत की गरिमा से परिपूर्ण वातावरण रहा।








