महाराष्ट्र सरकार ने दिव्यांग (विशेष रूप से सक्षम) व्यक्तियों के विवाह को सामाजिक रूप से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक नई योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में लागू की गई इस योजना के तहत राज्य में दिव्यांग व्यक्तियों के विवाह पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
योजना के अनुसार, यदि विवाह दिव्यांग-दिव्यांग के बीच होता है तो सरकार की ओर से 2.50 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जबकि दिव्यांग-अदिव्यांग विवाह की स्थिति में 1.50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। सरकार का मानना है कि इस कदम से दिव्यांग व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बल मिलेगा।
सरकारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह सहायता राशि माहा डीबीटी (महाराष्ट्र डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे पति-पत्नी के संयुक्त बैंक खाते में भेजी जाएगी। कुल राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा सावधि जमा (एफडी) के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे भविष्य में आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें तय की गई हैं। दूल्हा या दुल्हन में से कम से कम एक व्यक्ति का 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग होना अनिवार्य होगा। साथ ही लाभार्थी के पास यूडीआईडी कार्ड होना और महाराष्ट्र का स्थायी निवासी होना जरूरी है। विवाह का कानूनी रूप से पंजीकृत होना, पहला विवाह होना तथा विवाह की तिथि से एक वर्ष के भीतर आवेदन करना भी अनिवार्य शर्तों में शामिल है।
योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की जांच के बाद पात्र लाभार्थियों का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह योजना दिव्यांग व्यक्तियों के सम्मानजनक जीवन और सामाजिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।








