श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखण्ड के वैज्ञानिक समुदाय के लिए गौरव का क्षण हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में कार्यरत सह-प्राध्यापक डॉ.ममता आर्य को उत्तराखंड राज्य परिषद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (यूकॉस्ट) द्वारा आयोजित विज्ञान शिखर सम्मेलन में प्रतिष्ठित युवा महिला वैज्ञानिक उपलब्धि सम्मान-2025 प्रदान किया गया। सम्मेलन के मुख्य आयोजन के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री ने उन्हें यह सम्मान देकर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इस सम्मान हेतु उत्तराखण्ड राज्य की केवल छह युवा महिला वैज्ञानिकों का चयन किया गया,जिनमें डॉ.ममता आर्य का चयन नवोन्मेषी समाधान विकास श्रेणी में किया गया। डॉ.आर्य का शोध कार्य-गंगा नदी में भारी धातुओं (हेवी मैटल) के प्रदूषण की वैज्ञानिक जांच तथा सूक्ष्मजीवों (बैक्टीरिया) द्वारा इस प्रदूषण के जैविक निवारण से संबंधित है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह शोध औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण,स्वच्छ जल प्रबंधन और गंगा संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण एवं उपयोगी योगदान है। भारी धातु प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य,जलीय जीवों और पर्यावरण पर अत्यंत दुष्प्रभाव पड़ता है,जिसका मुख्य कारण औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला बिना शोधन का अपशिष्ट जल है। विज्ञान शिखर सम्मेलन में उपस्थित कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कहा कि यह शोध गंगा संरक्षण के प्रयासों को नई दिशा देता है और भविष्य में स्थायी पर्यावरणीय तकनीक विकसित करने में सहायक होगा। डॉ.आर्य की उपलब्धि पर विश्वविद्यालय परिसर में उत्साह और गर्व का वातावरण है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों,शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने उन्हें हार्दिक बधाई दी। सभी ने कहा कि यह सम्मान उनकी मेहनत,समर्पण और शोध कार्य के प्रति निष्ठा का परिणाम है। नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा-डॉ.ममता आर्य की यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे उत्तराखण्ड के लिए प्रेरणास्रोत है। यह सिद्ध करता है कि पहाड़ की बेटियां विज्ञान के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कर सकती हैं।








