पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। भातखंडे हिंदुस्तानी संगीत महाविद्यालय पौड़ी का वार्षिकोत्सव रविवार को प्रेक्षागृह,पौड़ी में आयोजित हुआ। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम कला,संगीत और वाद्य प्रस्तुति का सुंदर संगम बनकर सामने आया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रशिक्षणरत बाल कलाकारों ने तबला,हारमोनियम,तानपूरा एवं गायन प्रस्तुतियों के माध्यम से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की विविध छटाएं बिखेरीं। छात्रों की लय,ताल व सुरों की सटीक पकड़ ने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला सूचना अधिकारी योगेश पोखरियाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात मंच पर एक के बाद एक प्रस्तुतियां शुरू हुई,जिनमें नन्हें कलाकारों ने राग-रागिनियों की सुगंध,तबला के बोलों और वीणा के मधुर तारों से ऐसा वातावरण बनाया कि हॉल तालियों से गूंज उठा। कार्यक्रम में तबला वादन प्रस्तुतियों ने बेहद प्रभाव छोड़ा,जहां विद्यार्थियों ने धमार,तीनताल और किशोर भावों में तालों का विस्तार प्रस्तुत किया। हारमोनियम पर राग आधारित धुनों ने वातावरण को शास्त्रीय सौंदर्य से भर दिया। वहीं तानपूरा वादन ने भारतीय संगीत की परंपरागत गरिमा को सजीव रूप में सामने रखा। कार्यक्रम के दौरान बच्चों का आत्मविश्वास,स्वर-नियंत्रण और तकनीकी दक्षता दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि संगीत मनुष्य का अंतरतम जगाने की शक्ति रखता है। यह केवल कला नहीं बल्कि ध्यान और साधना है। उन्होंने कहा कि भातखंडे महाविद्यालय के बच्चों की प्रस्तुतियां सुनकर यह स्पष्ट है कि हमारे यहां आने वाली पीढ़ी संगीत की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है। बच्चे जितनी लगन से सीख रहे हैं,उतना ही उज्ज्वल उनका भविष्य दिखाई देता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से न सिर्फ प्रतिभा निखरती है बल्कि समाज में कला के प्रति सम्मान भी बढ़ता है। उन्होंने बच्चों को संगीत साधना में निरंतरता बनाए रखने की प्रेरणा दी तथा शिक्षकों व अभिभावकों के योगदान की भी प्रशंसा की। विशिष्ट अतिथि वार्ड सभासद संगीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों को मंच देना ही भविष्य की प्रतिभा को दिशा देना है। आज इन विद्यार्थियों को देखकर विश्वास होता है कि पौड़ी की संगीत संस्कृति आगे भी जीवित और समृद्ध रहेगी। कार्यक्रम के समान अवसर पर संगीत महाविद्यालय के बच्चों को मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भातखंडे हिंदुस्तानी संगीत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य अनिरुद्ध सिंह बिष्ट,संगीत शिक्षक प्रमेन्द्र नेगी,इंद्रमोहन चमोली,नागेंद्र बिष्ट,पुरातत्व विभाग से अनिल नेगी,प्रेमचंद्र ध्यानी सहित मनोज रावत अंजुल,तपेश्वर आर्य व संगीत महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।








