अरशद मदनी के बयान पर विवाद
गुरु तेग बहादुर के 350 वे बलिदान दिवस पर हरिद्वार के संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंचे परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने अरशद मदनी के बयान पर तीखा प्रहार किया। दिल्ली ब्लास्ट की जांच के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। अल फलाह यूनिवर्सिटी के समर्थन में दिए गए उनके बयान पर अब सियासी और धार्मिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। उत्तराखंड के संत समाज ने भी उनके बयान की कड़ी निंदा की है।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच चल रही है और इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के समर्थन में बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। मदनी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार मुसलमानों से भेदभाव कर रही है और जांच एजेंसियां खास समुदाय को निशाना बना रही हैं। मदनी के इस बयान को लेकर देशभर में नाराजगी देखी जा रही है। उत्तराखंड के संत समाज ने इसे देश विरोधी विचार बताया है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि किसी भी संस्थान में अगर आतंक का समर्थन किया जाता है, तो उसका विरोध होना जरूरी है। डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन अगर ऐसी यूनिवर्सिटी से संहार करने वाले डॉक्टर निकले तो समर्थन तो कतई नहीं होना चाहिए।








