श्रीनगर गढ़वाल। आगामी 13 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने और अधिकतम वादों के निस्तारण के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तहसील विधिक सेवा समिति श्रीनगर की ओर से बुधवार को सिविल जज (जूनियर डिवीजन)/न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्र.श्रे.) श्रीनगर के विश्राम कक्ष में प्री-लोक अदालत बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कु.अलका सिविल जज (जूनियर डिवीजन) व अध्यक्ष,तहसील विधिक सेवा समिति ने की। बैठक में उपस्थित अधिकारियों,अधिवक्ताओं एवं पीएलवी सदस्यों को संबोधित करते हुए कुमारी अलका ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय व्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है,जिसका उद्देश्य विवादों का त्वरित,किफायती और मैत्रीपूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करना है। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक पक्षकारों को लोक अदालत में उपस्थित होने के लिए प्रेरित किया जाए,ऐसे वाद चिह्नित किए जाएं जिनका समाधान आपसी सहमति से संभव है,बैंक,बीमा कंपनियों,बिजली विभाग एवं अन्य संस्थाओं से संबंधित वादों को भी प्राथमिकता से शामिल किया जाए। बैठक में बार एशोसिएशन श्रीनगर के अध्यक्ष प्रमेश चन्द्र जोशी,संरक्षक अनूप पांथरी,वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल सिंह रावत,पैनल अधिवक्ता देवी प्रसाद खरे,महासचिव ब्रह्मानंद भट्ट,पंजाब नेशनल बैंक के प्रतिनिधि तथा सभी पीएलवी सदस्य पूनम हटवाल,रोशनी रतूड़ी,प्रियंका रॉय,मानव बिष्ट,प्रीति बिष्ट उपस्थित रहे। सभी सदस्यों ने लोक अदालत में अधिकतम वादों के समाधान हेतु अपने सुझाव दिए और पक्षकारों को जागरूक करने की रणनीति पर भी चर्चा की। बैठक में यह भी बताया गया कि लोक अदालत में निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है,लंबी सुनवाई से बचत होती है,दोनों पक्ष आपसी सहमति से समाधान तक पहुंचते हैं। जिनका निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से सहजता से किया जा सके।








