श्रीनगर गढ़वाल। खेल उत्सव का संगम बना बैकुंठ चतुर्दशी मेला इस वर्ष भी रंगारंग आयोजनों से गुलजार रहा। इन्हीं आयोजनों की श्रृंखला में बुधवार को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुई। पारंपरिक पिट्ठू प्रतियोगिता,जिसने बच्चों के भीतर के खेल प्रेम और ऊर्जा को नया आयाम दिया। प्रतियोगिता में विद्यालयी छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और मैदान में उत्साह का माहौल देखने लायक था। खेल के हर राउंड में बच्चों की फुर्ती,संतुलन और टीम भावना की मिसाल देखने को मिली। दर्शकों की तालियों और जयघोष से पूरा विश्वविद्यालय प्रांगण गूंज उठा। महिला वर्ग में एसजीआरआर स्कूल की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया,जबकि सेंट थेरेसा स्कूल ने बेहतरीन मुकाबला कर द्वितीय स्थान हासिल किया। वहीं पुरुष वर्ग में रेनबो स्कूल के खिलाड़ियों ने अपने दमदार खेल और उत्कृष्ट तालमेल के दम पर प्रथम स्थान प्राप्त किया,जबकि एसजीआरआर स्कूल की टीम द्वितीय स्थान पर रही। प्रतियोगिता के निर्णायक पलों में बच्चों ने खेल भावना,अनुशासन और आत्मविश्वास का जो प्रदर्शन किया,उसने यह सिद्ध कर दिया कि पारंपरिक खेल आज भी नई पीढ़ी में लोकप्रियता बनाए हुए हैं। आयोजकों ने विजेता और उपविजेता टीमों को पुरस्कार स्वरूप ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किए,जबकि सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान विद्यालयों के शिक्षकगण,अभिभावक और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने बच्चों की खेल प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे पारंपरिक खेल न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं,बल्कि सामूहिकता,संतुलन और मानसिक एकाग्रता को भी विकसित करते हैं। प्रतियोगिता के सफल संचालन में स्थानीय विद्यालयों के शिक्षकों और मेले संचालन समिति का विशेष योगदान रहा। आयोजन समिति के सदस्यों ने कहा कि आने वाले वर्षों में इस खेल को और बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा ताकि नई पीढ़ी अपने पारंपरिक खेलों से जुड़ाव महसूस कर सके। पिट्ठू के हर फेरे में गूंजा उत्साह,बच्चों ने दिखाया संतुलन और एकता का सुंदर संगम।








