पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बाल विकास परियोजना पोखड़ा के तत्वावधान में बुधवार को आयोजित अफसर बिटिया कार्यक्रम ने बालिकाओं के मन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार किया। इस आयोजन का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना नहीं,बल्कि ग्रामीण अंचल की बेटियों में आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की भावना को जगाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल विकास परियोजना अधिकारी एकेश्वर हेमंती रावत एवं प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी पोखड़ा पूजा सुशीला रावत द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। शुभारंभ के साथ ही पूरे सभागार में उत्साह का माहौल छा गया। अपने संबोधन में हेमंती रावत ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा और आत्मनिर्भरता ही एक सशक्त समाज की सबसे मजबूत नींव है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि वे अपने जीवन का लक्ष्य स्पष्ट करें,कठिनाइयों से डरें नहीं और निरंतर आगे बढ़ने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि हर बेटी में अफसर बनने की क्षमता है,आवश्यकता है केवल आत्मविश्वास और अवसर की। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों,शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने छात्राओं को जीवन में सफलता प्राप्त करने के सूत्र बताए। उन्होंने अफसर बिटिया बनने के लिए आवश्यक मेहनत,दृढ़ संकल्प,और ईमानदारी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर बेटी बचाओ,बेटी बढ़ाओ विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,जिसमें 15 बालिकाओं ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में प्रथम,द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रमाणपत्र और स्मृति पुरस्कार प्रदान किए गए,जबकि सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ,जिसमें सभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में देशभक्ति का संदेश दिया। इस अवसर पर बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षिकाएं,विद्यालय के शिक्षकगण तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियां उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की सफलता इस बात का प्रतीक रही कि सरकार की योजनाएं जब जन-जन तक पहुंचती हैं,तो बेटियां न केवल शिक्षित बनती हैं बल्कि समाज में नेतृत्व की नई मिसाल भी कायम करती हैं। हर बेटी में छिपा है एक अफसर,बस जरूरत है उसे विश्वास और अवसर देने की।








