श्रीनगर गढ़वाल। विकासखंड खिर्सू के चमराडा न्याय पंचायत क्षेत्र में ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने और स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। भूमि स्वायत्त सहकारिता के तहत संग्रहण केन्द्र का शिलान्यास एवं भूमि पूजन ब्लॉक प्रमुख खिर्सू अनिल भण्डारी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपन्न किया। इस अवसर पर सहकारिता की अध्यक्षा अनीता कंडारी,समाजसेवी विमल प्रसाद बहुगुणा,पुरोहित धीरेंद्र प्रसाद घिल्डियाल,आजीविका समन्वयक हरिकृष्ण,ग्राम प्रधानगण,क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि,महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्याएं एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। ब्लॉक प्रमुख अनिल भण्डारी ने कहा कि यह संग्रहण केन्द्र ग्रामीण आजीविका को सशक्त करेगा और स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि आजीविका का अर्थ केवल जीविकोपार्जन नहीं बल्कि आत्मगौरव,आत्मनिर्भरता और सामूहिक विकास से है। यह केन्द्र स्थानीय किसानों,महिलाओं और युवाओं को अपने उत्पादों-मंडुवा,झंगोरा,अदरक,हल्दी,राजमा,फल-सब्जियों और हस्तशिल्प वस्तुओं को मूल्यवर्धन के साथ बाजार में बेचने का अवसर प्रदान करेगा। भण्डारी ने कहा कि सहकारिता की यह पहल गांव से बाजार तक के संकल्प को साकार करेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी। सहकारिता की अध्यक्षा अनीता कंडारी ने कहा कि संग्रहण केन्द्र ग्रामीण समुदाय के लिए आर्थिक रूप से सशक्त बनने का माध्यम बनेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र में उत्पादों का संग्रह,प्रसंस्करण,पैकेजिंग और विपणन किया जाएगा,जिससे किसानों और महिलाओं को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र केवल एक इमारत नहीं,बल्कि ग्रामीण सामूहिक प्रगति का प्रतीक है। इसका उद्देश्य गांवों को आत्मनिर्भर बनाना और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार से जोड़ना है। समाजसेवी विमल प्रसाद बहुगुणा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि संग्रहण केन्द्र की स्थापना से न केवल उत्पादों की बाजार तक पहुंच आसान होगी,बल्कि पलायन पर भी अंकुश लगेगा। पुरोहित धीरेंद्र प्रसाद घिल्डियाल ने कार्यक्रम में भूमि पूजन कर क्षेत्र के विकास और समृद्धि की मंगलकामना की। कार्यक्रम के अंत में ग्रामवासियों ने सहकारिता प्रबंधन और ब्लॉक प्रमुख अनिल भण्डारी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। चमराडा का संग्रहण केन्द्र गांव से बाजार तक के विजन को साकार करते हुए स्थानीय उत्पादों की पहचान को नया आयाम देगा और ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने की दिशा में नई उम्मीद जगाएगा।








