पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के उपलक्ष्य में आवास विकास प्रदर्शनी मैदान श्रीनगर में आज समाज कल्याण विभाग,महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग तथा प्रोबेशन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जन-जागरुकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों को सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी नीतियों की जानकारी दी गयी तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के साथ साथ महिलाओं,बच्चों,वृद्धजनों और दिव्यांगजनों के अधिकारों एवं सुरक्षा के प्रति जागरुक किया गया। जिलाधिकारी स्वाति एस.भदौरिया के निर्देशन में आयोजित गोष्ठी में तीनों विभागों के अधिकारियों ने अलग-अलग विषयों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी और उपस्थित नागरिकों से संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों,स्वयंसेवी संस्थाओं,छात्र-छात्राओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिला समाज कल्याण अधिकारी रोहित सिंह दुबड़िया ने बताया कि विभाग द्वारा वृद्धजन,दिव्यांगजन,विधवा,परित्यक्ता महिलाएं तथा कमजोर वर्गों के लिए अनेक सामाजिक सुरक्षा योजनाए़ चलायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य हर उस व्यक्ति तक सरकारी सहायता पहुंचाना है जो आर्थिक या सामाजिक रूप से पिछड़ा है। उन्होंने पात्र व्यक्तियों से योजनाओं के लिए आवेदन कर उनका लाभ उठाने की अपील की। साथ ही वृद्धावस्था पेंशन,दिव्यांग पेंशन,छात्रवृत्ति योजनाओं,विधवा पेंशन और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम की जानकारी भी दी। महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग से सहायक बाल विकास अधिकारी अंजू चमोली ने महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण,पोषण और बाल अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना,एकीकृत बाल विकास सेवा आदि,महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना न केवल परिवार के लिए,बल्कि पूरे समाज के लिए सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस दौरान बाल पोषण,शिक्षा और सुरक्षा से जुड़े कई सुझाव भी साझा किए गए। जिला प्रोबेशन अधिकारी अरविंद कुमार ने संवेदनशील वर्गों के पुनर्वास,नारी एवं बाल संरक्षण तथा सामाजिक समरसता से संबंधित विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभाग का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ना और उनके जीवन में आत्मनिर्भरता लाना है। साथ ही उन्होंने घरेलू हिंसा,बाल शोषण,बाल विवाह जैसे मुद्दों पर भी लोगों को जागरूक किया और बताया कि समाज के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह इन समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें और जरूरतमंदों की सहायता करें। गोष्ठी के दौरान स्थानीय नागरिकों ने अधिकारियों से योजनाओं से जुड़ी जानकारियां प्राप्त की। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने गोष्ठी में उपस्थित सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के संवाद सत्र समाज में जागरूकता फैलाने के साथ ही लोगों को शासन की योजनाओं से सीधे जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। इस अवसर पर अपर समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल,जिला बाल कल्याण समिति से सुनीता भट्ट,वन स्टॉप सेंटर अधिकारी लक्ष्मी रावत,जिला बाल संरक्षण इकाई से प्रज्ञा नैथानी सहित अंकित मुंडेपी,अमन सिंह और अन्य अधिकारी,कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में आम जनता उपस्थित रही।








