श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में गंगा उत्सव के शुभ अवसर पर 4 नवंबर 2025 को नमामि गंगे इकाई के तत्वावधान में एक भव्य पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता की थीम जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण रखी गई,जिसके अंतर्गत छात्र-छात्राओं ने अपनी सृजनशीलता,कलात्मक दृष्टि और पर्यावरणीय चेतना का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने पोस्टर और रंगोली के माध्यम से गंगा की पवित्रता,जल संरक्षण,प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संतुलन जैसे विषयों पर अपने विचारों को सजीव रूप में प्रस्तुत किया। किसी ने सूखती नदियों का दर्द रंगों से उकेरा, तो किसी ने गंगा की निर्मल धारा को जीवनदायिनी शक्ति के रूप में दर्शाया। पूरा परिसर छात्रों की कला और चिंतन से सुसज्जित हो उठा,जिससे गंगा उत्सव एक आस्था और पर्यावरण जागरूकता का उत्सव बन गया। प्रथम स्थान-दीपक द्विवेदी एम.ए.प्रथम सेमेस्टर,द्वितीय स्थान-तनीषा बी.ए.प्रथम सेमेस्टर,तृतीय स्थान-गुंजन बिष्ट बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर एवं तानिया बी.ए.प्रथम सेमेस्टर ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता संकायवार आयोजित की गई,जिसमें प्रथम स्थान-वाणिज्य संकाय,द्वितीय स्थान-विज्ञान संकाय,तृतीय स्थान-कला संकाय ने प्राप्त किया,साथ ही कला संकाय की एक अतिरिक्त टीम को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में डॉ.पूनम भूषण,डॉ.कृष्ण राणा और डॉ.प्रीति बर्थवाल ने उत्कृष्ट निर्णय दिया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.के.सी.दुतपुडी ने प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा इस प्रकार की प्रतियोगिताएं छात्रों में सृजनशीलता के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करती हैं। गंगा हमारे जीवन का प्रतीक है,इसे स्वच्छ और अविरल बनाए रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए और सभी प्रतिभागियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर नमामि गंगे इकाई की नोडल अधिकारी डॉ.ममता भट्ट,समिति सदस्य डॉ.ममता थपलियाल,डॉ.मनीषा डोभाल,प्राध्यापक परमजीत कुमार,डॉ.संजय दत्त,कर्मचारी दीपिका एवं शर्मिला,सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने गंगा संरक्षण,जल बचाओ और स्वच्छता को लेकर सामूहिक संकल्प लिया। कार्यक्रम का यह आयोजन न केवल एक कला प्रतियोगिता साबित हुआ,बल्कि विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना और जिम्मेदारी का सशक्त संदेश भी छोड़ गया।








