पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। राठ क्षेत्र के विकास खंड थलीसैंण की पट्टी कण्डारस्यूं के ग्राम सिमणी में एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए नवदंपति सोमेश ममगाईं एवं उनकी पत्नी सपना ने अपनी शादी के शुभ अवसर पर घर के आंगन में मौसमी का समलौण पौधा रोपकर समाज को पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का प्रेरणादायक संदेश दिया। यह पहल न केवल उनकी शादी को यादगार बना गई, बल्कि गांव में समलौण संस्कृति के बढ़ते प्रभाव का भी प्रतीक बन गई है। पौधे के संरक्षण की जिम्मेदारी नवदंपति की माता बीना देवी ने स्वयं ली है। कार्यक्रम का संचालन गांव की समलौण सेना नायिका सीमा देवी ने किया। उन्होंने बताया कि गांव में समलौण पहल के तहत जीवन के हर संस्कार-जन्म,विवाह,गृहप्रवेश,श्राद्ध आदि अवसरों पर पौधारोपण को अनिवार्य रूप से अपनाया गया है। परिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर पौधों की देखरेख करते हैं,जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिल रहा है बल्कि नई पीढ़ी में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ रही है। सीमा देवी ने कहा समलौण पहल अब सिर्फ एक अभियान नहीं,बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव बन चुका है। हर पौधा एक नए जीवन और नई आशा का प्रतीक है। जिस घर में समलौण लगाया जाता है,वहां सकारात्मक ऊर्जा और हरियाली बनी रहती है। इस अवसर पर नवदंपति सोमेश ममगाईं ने गांव की समलौण सेना को पौधारोपण कार्य हेतु 200 रुपये की नगद राशि भेंट की और सभी ग्रामीणों से इस अभियान को और आगे बढ़ाने का आह्वान किया। ग्रामवासियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि समलौण संस्कृति अब एक जनांदोलन बन चुकी है,जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली,स्वच्छता और पर्यावरणीय संतुलन की अनमोल विरासत छोड़ रही है। हर संस्कार में एक पौधा-हर घर में हरियाली का वादा।








